संसद सुरक्षा चूक पर पहली बार बोले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा
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संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले के बाद सबसे ज्यादा किसी पर सवाल उठ रहे तो वो हैं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य प्रताप सिम्हा। हर कोई इस मामले में उनकी राय जानना चाह रहा था और आखिरकार रविवार को सिम्हा ने चुप्पी तोड़ ही दी। उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान जनता तय करेगी कि वह देशभक्त हैं या देशद्रोही।
उन्होंने कहा कि वह घटना और जांच में कोई भी नई चीज नहीं जोड़ना चाहते हैं। सब कुछ भगवान और अपने प्रशंसकों पर छोड़ दिया है, जो यह तय करेंगे कि उनके खिलाफ लगाए कथित ‘देशद्रोह’ के आरोप सही हैं या नहीं।
यह है मामला
गौरतलब है, 13 दिसंबर को सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बावजूद लखनऊ निवासी सागर शर्मा और मैसूर निवासी डी. मनोरंजन संसद में जूते में छिपाकर स्मोक केन (धुआं बम) लेकर घुस गए थे। वहीं, संसद के बाहर पुलिस के सामने ही नीलम व अमोल शिंदे ने पीले व लाल रंग के स्मोक केन चला दिए और पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई थी। इसके बाद सामने आया कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले व्यक्ति को पास सिम्हा के कार्यालय ने जारी किए थे, जिसके बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया और शीतकालीन सत्र के लिए संसद से 143 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
सब कुछ भगवान पर छोड़ा
विपक्षी दल मांग कर चुके हैं कि सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बाद उनके जगह जगह गद्दार नाम से पोस्टर भी लगाए गए। इन सब विवाद के बाद आज उन्होंने पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह सब कुछ भगवान और अपने प्रशंसकों पर छोड़ चुके हैं, जो यह तय करेंगे कि उनके खिलाफ लगाए कथित ‘देशद्रोह’ के आरोप सही हैं या नहीं।
प्रताप सिम्हा गद्दार या देशभक्त
सिम्हा ने कहा, ‘प्रताप सिम्हा गद्दार है या फिर देशभक्त, इसका फैसला मैसुरु की पहाड़ियों पर विराजमान मां चामुंडेश्वरी और ब्रह्मागिरी पर विराजमान मां देवी कावेरी करेंगी। पिछले 20 वर्षों से मेरी लिखी किताबें पढ़ रहे कर्नाटक के मेरे प्रशंसक, पिछले साढ़े नौ वर्षों से मेरा काम देख रही मैसुरु व कोडगु की जनता निर्णय लेगी। देश, धर्म और राष्ट्रवाद से संबंधित मुद्दों पर मेरे आचरण पर अप्रैल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले वोट तय करेंगे।
मुझे इसपर कुछ और…
‘गद्दार’ वाले पोस्टर पर उन्होंने कहा, ‘जनता ही एकमात्र फैसला सुनाएगी। वे तय करेंगे कि मैं देशभक्त हूं या नहीं। मैंने उनके फैसले पर सबकुछ छोड़ दिया है। मुझे इसपर कुछ और नहीं कहना।’ घटना और क्या पुलिस द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया, इसे लेकर पूछे गए सवाल पर सिम्हा ने कहा, ‘मुझे जितना कहना था मैंने कह दिया। इस मुद्दे पर अब और कुछ नहीं कहना।’
दो बार रह चुके सांसद
बता दें, सिम्हा मैसूर से दो बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में लोकसभा का चुनाव जीतने से पहले वह एक पत्रकार थे।